अहमदाबाद विमान हादसे के बाद बोइंग के शेयरों में भारी उथल-पुथल: क्या है निवेशकों का मूड?
प्रकाशित: 14 जून 2025
12 जून 2025 को गुजरात के अहमदाबाद में हुए एक दिल दहला देने वाले हादसे ने न केवल भारत को झकझोर दिया, बल्कि वैश्विक विमानन उद्योग की दिग्गज कंपनी बोइंग को भी संकट के भंवर में डाल दिया। एयर इंडिया की फ्लाइट AI171, जो एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर थी, अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन गैटविक के लिए उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद मेघनीनगर क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों में से केवल एक व्यक्ति जीवित बचा। इस त्रासदी ने बोइंग के शेयरों पर तत्काल असर डाला, जिससे निवेशकों में चिंता की लहर दौड़ गई। आइए, इस घटना के आर्थिक और भावनात्मक प्रभावों पर एक नज़र डालें।
शेयर बाजार में हलचल: बोइंग के शेयरों का गोता
हादसे की खबर फैलते ही बोइंग कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। प्री-मार्केट ट्रेडिंग में शेयर 8% तक लुढ़क गए, जो बुधवार के बंद भाव $214 से गिरकर $196.50 तक पहुंच गए। गुरुवार को न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज बंद होने तक शेयर लगभग 5% नीचे $196.75 पर कारोबार कर रहे थे। यह गिरावट निवेशकों के उस डर को दर्शाती है, जो बोइंग की सुरक्षा और गुणवत्ता से जुड़े पुराने विवादों के फिर से उभरने से पैदा हुआ।
बोइंग के लिए यह पहला झटका नहीं है। 2018 और 2019 में 737 मैक्स विमानों के दो घातक हादसों ने कंपनी की साख को पहले ही नुकसान पहुंचाया था। हाल ही में, जनवरी 2024 में अलास्का एयरलाइंस के एक 737 मैक्स 9 के दरवाजे का हिस्सा हवा में उड़ जाने की घटना ने भी सुर्खियां बटोरी थीं। अहमदाबाद हादसा, जो ड्रीमलाइनर का पहला घातक हादसा है, ने बोइंग की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
हादसे का आर्थिक प्रभाव: बोइंग ही नहीं, पूरी श्रृंखला प्रभावित
बोइंग के शेयरों की गिरावट का असर केवल कंपनी तक सीमित नहीं रहा। इस विमान के इंजन निर्माता जीई एयरोस्पेस और प्रमुख आपूर्तिकर्ता स्पिरिट एयरोसिस्टम्स के शेयरों में भी 2-3% की कमी देखी गई। भारत में, अहमदाबाद हवाई अड्डे का संचालन करने वाली अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर 1.89% गिरकर ₹2,532.25 पर बंद हुए। इसके अलावा, इंडिगो और स्पाइसजेट जैसे भारतीय एयरलाइनों के शेयरों में भी 3.4% तक की गिरावट दर्ज की गई, क्योंकि हादसे ने विमानन क्षेत्र की सुरक्षा पर सवाल उठाए।
विश्लेषकों का कहना है कि यह “घटना के प्रति तात्कालिक प्रतिक्रिया” है। आईजी ग्रुप के विश्लेषक क्रिस ब्यूचैम्प ने कहा, “यह हादसा बोइंग के विमानों और कंपनी की पुरानी समस्याओं के डर को फिर से जगा रहा है।” हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह हादसा निर्माण या डिज़ाइन दोष के बजाय अन्य कारकों, जैसे पायलट त्रुटि या तकनीकी खराबी, के कारण हो सकता है।
बोइंग की प्रतिक्रिया: जांच में सहयोग का वादा
बोइंग के नए सीईओ केली ऑर्टबर्ग, जो पिछले साल कंपनी को संकट से उबारने के लिए सेवानिवृत्ति से लौटे थे, ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया। उन्होंने कहा, “हमारी संवेदनाएं फ्लाइट AI171 के यात्रियों, चालक दल और अहमदाबाद में प्रभावित सभी लोगों के साथ हैं।” ऑर्टबर्ग ने एयर इंडिया के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन से बात की और भारत की एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की जांच में पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।
बोइंग ने एक बयान में कहा कि वे संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन प्रोटोकॉल के तहत AAIB को जानकारी प्रदान करेंगे। कंपनी ने अपनी तकनीकी टीम को भारत भेजने की भी तैयारी की है। हादसे के कारण की जांच के लिए विमान का ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया है, जो मेघनीनगर के बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल की छत पर मिला।
ड्रीमलाइनर की साख पर सवाल
बोइंग 787 ड्रीमलाइनर, जिसे 2009 में लॉन्च किया गया था, अपनी ईंधन दक्षता और शांत संचालन के लिए जाना जाता है। 14 साल के इतिहास में यह पहला मौका है जब इस मॉडल का कोई घातक हादसा हुआ। दुनियाभर में 1,100 से अधिक ड्रीमलाइनर उड़ान भर रहे हैं, और एयर इंडिया के पास 34 ऐसे विमान हैं। इस हादसे ने ड्रीमलाइनर की अब तक की बेदाग सुरक्षा रिकॉर्ड को धूमिल कर दिया।
हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि हादसे का कारण अभी स्पष्ट नहीं है। कुछ का मानना है कि लैंडिंग गियर के नीचे रहने जैसी असामान्य स्थिति, जैसा कि हादसे के वीडियो में दिखा, एक संभावित सुराग हो सकता है। भारत के नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि जांच में सभी पहलुओं को ध्यान में रखा जाएगा, और बोइंग 787 बेड़े पर अतिरिक्त सुरक्षा जांच शुरू की गई है।
निवेशकों के लिए क्या मायने?
बोइंग के शेयरों में यह गिरावट अल्पकालिक हो सकती है, लेकिन कंपनी की दीर्घकालिक चुनौतियां बरकरार हैं। एडवर्ड जोन्स के विश्लेषक जेफ विंडौ ने कहा, “हादसे के कारण निर्माण और गुणवत्ता प्रक्रियाओं पर जांच बढ़ सकती है, लेकिन अभी दीर्घकालिक प्रभाव की संभावना कम है।” फिर भी, बोइंग को अपनी साख बहाल करने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे।
निवेशकों के लिए यह समय सावधानी बरतने का है। बोइंग के शेयरों में गिरावट खरीदारी का अवसर हो सकता है, लेकिन हादसे की जांच के नतीजे और कंपनी की प्रतिक्रिया पर नजर रखना जरूरी है। पेरिस एयरशो जैसे आगामी आयोजनों में बोइंग की रणनीति और ऑर्डर बुक भी निवेशकों का ध्यान खींचेंगे।
एक मानवीय त्रासदी
इस हादसे का आर्थिक प्रभाव भले ही चर्चा में हो, लेकिन इसका मानवीय नुकसान कहीं अधिक गहरा है। 241 लोगों की मौत और मेघनीनगर में बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल में हुए नुकसान ने पूरे देश को शोक में डुबो दिया। एकमात्र जीवित बचे यात्री, विश्वशकुमार रमेश, ने इसे “चमत्कार” बताया।
टाटा ग्रुप, जो एयर इंडिया का संचालन करता है, ने मृतकों के परिवारों को ₹1 करोड़ की सहायता और घायलों के इलाज का खर्च वहन करने का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे “हृदयविदारक” बताते हुए प्रभावितों के साथ एकजुटता जताई।
आगे की राह
अहमदाबाद हादसा बोइंग के लिए एक कठिन परीक्षा है। कंपनी को न केवल अपनी तकनीकी विश्वसनीयता साबित करनी होगी, बल्कि निवेशकों और यात्रियों का भरोसा भी जीतना होगा। इस बीच, भारत का विमानन क्षेत्र इस त्रासदी से उबरने की कोशिश कर रहा है।
हम अपने पाठकों से इस कठिन समय में प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। क्या आप बोइंग के भविष्य या विमानन सुरक्षा पर अपने विचार साझा करना चाहेंगे? नीचे कमेंट करें और हमारे ब्लॉग को फॉलो करें!
brokerji.com पर ऐसी ही रोचक और विश्वसनीय खबरों के लिए बने रहें।
नोट: यह लेख सूचना और विश्लेषण के लिए है। निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें।
